स्मृतिकुंज

आह्वान

सर्वे कर्मवशा वयम् । - हमारे पूर्वजो, ऋषियों ने इस भारत भूमि को ज्ञान के प्रकाश में निःस्वार्थ कर्म से सिंचा है, जिसके कारण हम आज भी इतने विपरीत समय में भी अपने ' स्व ' को कुछ संभाले हुए हैं। हम सब के लिए यह आह्वान है कि हम इस ज्ञानधारा के आधार पर श्रेष्ठ समाज बनायें।

  • स्वयं अध्ययन करें, अपने व्यवसाय, कौशल, रुची के विषयानुसार गृहस्थ होते हुए या वानप्रस्थ में ऐसे ही कोई गुरुकुल, विद्यापीठ से जूडकर सेवा दें।
  • अपने बच्चों को भारतीय शिक्षा के आधार पर चलनेवाले विद्याकेन्द्र में शिक्षा दें।
  • लोको में भारतीय शिक्षा की प्रतिष्ठा बढें, इस हेतु कार्यक्रमों का आयोजन करें।
  • भारतीय शिक्षा को उजागर करने के लिए प्रयासरत विद्याकेन्द्रों को आर्थीक सहयोग करें।
  • यथासंभव, स्वयं का और परिवार का जीवन भारतीय प्रतिमान के अनुसार बने, उसके लिए प्रयत्न करें।
  • स्वयं और अन्य इच्छुक लोगो के साथ मिलकर भारतीय शिक्षा की प्रतिस्थापना हेतु विद्याकेन्द्र प्रारंभ करें।